Friday 1 June 2012

वयोलेता पारा




खुदा की लानत इस खाली आसमान पर
और रात के सितारों पर
खुदा की लानत इस रास्ता चलती
और कलकल करती नदी पर
खुदा की लानत इन पत्थरों पर
जो राहों की धूल में लिपटे हुए
खुदा की लानत इस चूल्हे की आग पर
की मेरा दिल कच्चा गोस्त हे
खुदा की लानत वक़्त के कानूनों पर
जो हमारे दर्द को छल जाते हें.


 4 October 1917 – 5 February १९६७
चिली 

2 comments:

  1. बहुत गहराई लिए हुए सुन्दर और भावमयी रचना .. !!

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  2. खुदा की लानत वक़्त के कानूनों पर
    जो हमारे दर्द को छल जाते हें....

    Very touching lines...

    .

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