साहित्य - 'नारी दस्तख़त'
Pages
मुखपृष्ठ
रीना मौर्य
सबा युनुस
अंकिता पंवार
क्षितिजा
विनीता जोशी
डॉ. दिव्या श्रीवास्तव
Nibha
Saturday 26 May 2012
अमृता प्रीतम
धरती ने गहरी सांस ली, आसमान ने सिसकी भरी
फूलों का एक काफिला था, आज वह रेगिस्तान से गुज़रा
मेरे इश्क के ज़ख्म तेरी याद ने सीए थे
आज मैंने टाँके खोलकर, वह धागा तुझे लौटा दिया
मेरी रात जाग रही है, तेरा ख्याल सो गया..
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment